सत चित आनंद – सच्चिदानंद कौन है?
परमात्मा अर्थात परम आत्मा को ही सत चित आनंद (Sat Chit Aanad in Hindi) कहा जाता है। परमात्मा ही सच्चिदानंद…
परमात्मा अर्थात परम आत्मा को ही सत चित आनंद (Sat Chit Aanad in Hindi) कहा जाता है। परमात्मा ही सच्चिदानंद…
भक्ति का दुख दूर करने के लिए नारद जी का उद्योग ( Bhakti ka dukh dur karne ke liye narad…
नारद के द्वारा भक्ति के कष्ट की निवृत्ति- नारद जी ने कहा – हे! सनकादिक ऋषियों, अब में भक्ति, ज्ञान…
इस लेख में हमने दो प्रश्नो के उत्तर लिखे है जो की श्रीमद्भगवद्गीता ज्ञान से लिए गए है। यहाँ आप…
पिछले पेज पर आपने पढ़ा की – आत्मदेव और धुंधली को गोकर्ण और धुंधकारी नाम के दो पुत्र हुए। गोकर्ण…
भगवान कृष्ण को छप्पन भोग क्यों लगाते हैं? 56 भोग की कहानी – 56 भोग – एक बार ब्रज के लोग…
वाल्मीकि रामायण – सुन्दरकांडम – एकोनत्रिंशः सर्ग (Sarga 29) शुभ शकुन संकेत– जिस समय दुखियारी , हर्ष शून्य, संतप्त और…
ध्यान दे, मैं स्वयं त्रिदेवों में कोई अंतर नहीं समझता, जो मेरे लिए शिव जी है, वही विष्णु भगवान्, और…
श्री सीतारामचंद्राभंयम नमः – एकोनसप्ततितम : सर्ग: भरत को दुःखी देख मित्रो द्वारा प्रसन्न करने का प्रयास, तथा उनके पूछने पर…
उद्दालक/ वाजश्रवस उपनिषद् युग के श्रेष्ठ तत्ववेत्ताओं में मूर्धन्य चिंतक थे। ये गौतम गोत्रीय अरुणि ऋषि के पुत्र थे और…
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