सूतजी कहते हैं – राजा अम्बरीष ने परमेष्ठी ब्रह्मा के पुत्र देवर्षि नारद से पुण्यमय वैशाख मास…
महाराज रत्नग्रीव बड़े बुद्धिमान् और जितेन्द्रिय थे, वे स्थान-स्थान पर दीनों, अंधों, दुःखियों तथा पंगुओं को उनकी…
युधिष्ठिर ने कहा – भगवन ! मैंने मोहिनी एकादशी उत्तम व्रत का माहात्म्य सुना। फिर – युधिष्ठिर…