नारद जी बोले–सर्वेश्वर! अब आप विशेष रूप से त्रिस्पृशा नामक ब्रत का वर्णन कीजिये, जिसे सुनकर लोग…
श्री विष्णुपुराण के अंतर्गत केशिध्वज और खांडिक्य की कथा के माध्यम से समझिये बहिरंग साधना और अंतरंग…
युश्चिष्ठिर ने पूछा – जनार्दन ! मुझ पर आपका स्नेह है; अतः कृपा करके बताइये। कार्तिक के…