पिछले पेज पर आपने पढ़ा — कि सनकादि ऋषि ने नारद और भक्ति के पुत्रो को प्राचीन इतिहास…
अध्याय 6 -7 – शिवपुराण के श्रवण की विधि तथा श्रोताओं के पालन करने योग्य नियमों का…
महाराज रत्नग्रीव बड़े बुद्धिमान् और जितेन्द्रिय थे, वे स्थान-स्थान पर दीनों, अंधों, दुःखियों तथा पंगुओं को उनकी…
सूतजी कहते हैं – राजा अम्बरीष ने परमेष्ठी ब्रह्मा के पुत्र देवर्षि नारद से पुण्यमय वैशाख मास…
श्रीभविष्यपुराण के अनुसार अक्षय तृतीया कथा (अध्याय 30-33 ) – भगवान् श्रीकृष्ण बोले – महाराज! अब आप वैशाख…
Shree Vishnu Sahastranaama benefits (Mahatmya) – ऋषियों ने कहा – सूत जी ! आपका हृदय अत्यन्त करुणायुक्त…
क्रौष्टुकि ने पूछा – ब्रह्मण ! द्वीप, समुद्र, पर्वत और वर्ष कितने हैं तथा उनमें कौन-कौन-सी नदियाँ…
महादेव जी नारद ऋषि से बोले -द्विजवर ! जहाँ गोपीचन्दन रहता है, तह घर तीर्थ-स्वरूप है। यह…