यहाँ हम जानेगे की – कलयुग की शुरुआत में कैसे माता भक्ति तो एक युवती के रूप…
श्रीमद्भागवत महापुराण
भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद्भागवतम् या केवल भागवतम् भी कहते हैं। इसका मुख्य वर्ण्य विषय भक्ति योग है, जिसमें कृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है।
इस काव्य में नरोत्तम दास जी ने श्रीकृष्ण और सुदामा के मिलन का बहुत सुन्दर वर्णन किया…
पिछले पेज पर आपने पढ़ा — कि सनकादि ऋषि ने नारद और भक्ति के पुत्रो को प्राचीन इतिहास…
भगवान् श्री कृष्ण अपने धाम जाने से पहले उद्धव को उपदेश देते है, उसी उपदेश के दौरान…
वृटासुर के धर्मोपदेश से चकित हुए परीक्षित जी ने शुकदेव जी से पूछा था कि ऐसे भयंकर…
राजा परिक्षित ने पूछा – भगवन् ! देवराज इंद्र ने जिससे सुरक्षित होकर शत्रुओं की चतुरंगिणी सेना…
Story of Holika and Prahlad – श्री नारद जी ने कहा – दैत्यराज हिरणकश्यपु के चार पुत्र…
श्रीमद्भागवत के अष्टम स्कन्ध में गजेन्द्र मोक्ष की कथा, (हाथी और मगरमच्छ) गज और ग्राह की कहानी…
पिछले तृतीय अध्याय में आपने पढ़ा– नारद के द्वारा भक्ति के कष्ट का निवारण का उपाय श्रीमदभागवत…