प्रत्येक महीने आने वाली एकादशी का व्रत का आरम्भ करने के लिये मार्गशीर्ष (अगहन) मास को उत्तम माना गया है। अन्य सभी व्रतों के लिये शुक्ल पक्ष में आरम्भ करने का वचन को पुराणों में मिलता है।

किन्तु एकादशी की मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष में उत्पन्न हुई थी इस कारण इसका नाम उत्पन्ना भी है। इसलिये एकादशी का आरम्भ कृष्ण पक्ष की उत्पन्ना एकादशी से करना चाहिए। ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं। यह तिथि महीने में दो बार आती है। एक पूर्णिमा होने पर और दूसरी अमावस्या होने पर। पूर्णिमा से आगे आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के उपरान्त आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहते हैं। वैसे तो हर तिथि किसी न किसी देवता को समर्पित है लेकिन महीने की दोनों एकादस तिथि श्री हरि विष्णु भगवान् को समर्पित है और ये तिथि प्रभु की दासी है। इसलिए इसे श्री हरि भगवान की एक दासी अर्थात एकादशी कहा जाता है। शुक्ल पक्ष की एकादशी को लोग सतोगुण से परिपूर्ण श्री हरि की सेवा करते है।

एकादशी व्रत कर सकते है।  –

  • निर्जल एकादशी (जल के साथ साथ सभी चीज़ो को त्यागना)
  • सजल एकादशी (केवल जल लेना, अन्य सभी चीज़ो का त्याग )
  • सफल एकादशी (जल और फल लेना, अन्य सभी चीज़ो का त्याग )
Sr.मासपक्षएकादशीअंग्रेजी दिनांक
1मार्गशीष मास
अगहन मास
कृष्णपक्षउत्पन्ना एकादशी
(प्रथम एकादशी)
8 दिसंबर 2023
शुक्रवार
2मार्गशीष मास
अगहन मास
शुक्लपक्षमोक्षा एकादशी
मोक्षदा एकादशी
22 दिसंबर 2023
शुक्रवार
3पौष मासकृष्णपक्षसफला एकादशी7 जनवरी 2024
रविवार
4पौष मासशुक्लपक्षपौष पुत्रदा एकादशी21 जनवरी 2024
रविवार
5माघ मासकृष्ण पक्षषटतिला एकादशी6 फरवरी 2024
मंगलवार
6माघ मासशुक्लपक्षजया एकादशी20 फरवरी 2024
मंगलवार
7फाल्गुन मासकृष्ण पक्षविजया एकादशी6 मार्च 2024
बुधवार
8फाल्गुन मासशुक्लपक्षआमलकी एकादशी20 मार्च 2024
बुधवार
9चैत्र मासकृष्ण पक्षपापमोचनी एकादशी5 अप्रैल 2024
शुक्रवार
10चैत्र मासशुक्लपक्षकामदा एकादशी19 अप्रैल 2024
शुक्रवार
11वैशाख मासकृष्ण पक्षवरुथिनी एकादशी4 मई 2024
शनिवार
12वैशाख मासशुक्लपक्षमोहिनी एकादशी19 मई 2024
रविवार
13ज्येष्ठ मासकृष्ण पक्षअपरा एकादशी2 जून 2024
रविवार
14ज्येष्ठ मासशुक्लपक्षनिर्जला एकादशी18 जून 2024
मंगलवार
15आषाढ़ मासकृष्ण पक्षयोगिनी एकादशी2 जुलाई 2024
मंगलवार
16आषाढ़ मासशुक्लपक्षदेव शयनी एकादशी17 जुलाई 2024
बुधवार
17श्रावण मासकृष्ण पक्षकामिका एकादशी31 जुलाई 2024
बुधवार
18श्रावण मासशुक्लपक्षश्रावण पुत्रदा एकादशी16 अगस्त 2024
शुक्रवार
19भाद्रपद मासकृष्ण पक्षअजा एकादशी29 अगस्त 2024
गुरुवार
20भाद्रपद मासशुक्लपक्षपद्मा एकादशी14 सितंबर 2024
शनिवार
21आश्विन मास
क्वार मास
कृष्ण पक्षइंदिरा एकादशी28 सितंबर 2024
शनिवार
22आश्विन मास
क्वार मास
शुक्लपक्षपापांकुशा एकादशी13 अक्टूबर 2024
रविवार
23कार्तिक मासकृष्ण पक्षरमा एकादशी28 अक्टूबर 2024
सोमवार
24कार्तिक मासशुक्लपक्षप्रबोधिनी एकादशी

(देवोत्थान/देवउठनी)

12 नवंबर 2024
मंगलवार
25*पुरुषोत्तम मासकृष्ण पक्षपुरुषोत्तम कमला एकादशीअधिक मास
वाले वर्ष में
26*पुरुषोत्तम मासशुक्लपक्षपुरुषोत्तम कामदा एकादशीअधिक मास
वाले वर्ष में


**Note:
 देवशयनी एकादशी और देवउठनी एकादशी के बीच में जो कृष्णपक्ष की एकादशियाँ होती हैं, गृहस्थ के लिये वे ही व्रत रखने योग्य हैं। अन्य मासों की कृष्णपक्षीय एकादशी गृहस्थ के रखने योग्य नहीं होती | शुक्ल-पक्ष की एकादशी सभी करनी चाहिये। –  Shri Padmpuran

एकादशी मैया की आरती –

ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता ।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।। ॐ जय…।।

तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी ।
गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ।। ॐ ।।

मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई।। ॐ जय…।।

पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है,
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै ।। ॐ ।।

नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।
शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै ।। ॐ जय…।।

विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी,
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की ।। ॐ ।।

चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली,
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली ।। ॐ ।।

शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी,
नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी।। ॐ जय…।।

योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।
देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी ।। ॐ ।।

कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।
श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए।। ॐ जय…।।

अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला।। ॐ ।।

पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।
रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी ।। ॐ जय…।।

देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।
पावन मास में करूं विनती पार करो नैया ।। ॐ ।।

परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।।
शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी ।। ॐ जय…।।

जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै।। ॐ जय…।।