रघुकुल प्रगटे है रघुवीर, प्रगटे है रघुवीर
रघुकुल प्रगटे है रघुवीर , प्रगटे है रघुवीर
देश देश से टीको आयो, देश देश से टीको आयो
रत्न कनक मनहीर।
रघुकुल प्रगटे है रघुवीर।
प्रगटे है रघुवीर रघुकुल, प्रगटे है रघुवीर
घर घर मंगल होत बधाई, अति पुरवासीनी भीर, आनंद मगन होइ सब डोलत कछु ना सौध शरीर।
घर घर मंगल होत बधाई, अति पुरवासीनी भीर, आनंद मगन होइ सब डोलत कछु ना सौध शरीर।
रघुकुल प्रगटे है रघुवीर।
प्रगटे है रघुवीर रघुकुल, प्रगटे है रघुवीर
मागत बंदी सूद लुटाये। मागत बंदी सूद लुटाये
होत आनंद भरपीर
रघुकुल प्रगटे है रघुवीर, रघुकुल प्रगटे है रघुवीर।
देत आशीष, सूर चिर जीवो
देत आशीष, सूर चिर जीवो,
रामचंद्र रणधीर
रघुकुल प्रगटे है रघुवीर, रघुकुल प्रगटे है रघुवीर
प्रगटे है रघुवीर रघुकुल, प्रगटे है रघुवीर
सौजन्य से – उपनिषद गंगा
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