महापुराण डॉट कॉम पर आपको शास्त्र के अनुसार व्रत और त्यौहार के बारे में जानकारी मिलती है। अर्थात हम मान्यताओं जैसे कि कौन क्या मानता है, कहाँ क्या और कैसे मनाया जाता है उसे हम शामिल नहीं करते है। और जो जानकारी सिर्फ अपने भाव के अनुसार है, उसे भी पहले ही बता देते है। ताकि समझने में कोई त्रुटि न हो।

गुरुपूजन –

#RamMandirPranPratishta के दिन सबसे पहले अपने गुरूजी की पूजा करे। अगर आपके कोई गुरु नहीं है तो गुरु दत्तात्रेय को याद करके उनका मानसिक पूजन जैसे की चरण धोना, चन्दन तिलक लगाना, पुष्प माला अर्पित करना, सुगन्धित पुष्प देना, नैवैध अर्पित करना, दीपक और सुगन्धित धुप दे ।

फिर इसी प्रकार से श्री गणेश भगवान् का आवाहन व् पूजा करे।

नोट – अगर आपके घर में गृह, कलेश या शांति नहीं है तो बटुक भैरो नाथ को भी प्रतिदिन अवश्य याद करे।

अब आपको श्री राम दरवार के सामने –

  • अब श्री राम दरवार के सामने दरवार में सभी लोगो को मानसिक दंडवत प्रणाम करे।
  • फिर गंगाजल से आचमन करे अर्थात उनके चरण धोये।
  • फिर उन्हें चन्दन तिलक करे
  • फिर उन्हें पुष्पों की माला पहनाए।
  • कुछ पुष्प चरणों में अर्पित करे।
  • फिर श्री राम दरवार के सामने अग्निदेव का आवाहन करके शुद्ध घी का दीपक जलाये।
  • और संकल्प लेकर नीचे दिए गए पाठ आप #RamMandirPranPratishta के दिन अवश्य करे। अगर प्रतिदिन कर सकते है तो बात ही क्या।

भक्ति और पूजा पाठ की रक्षा के लिए –

सबसे पहले श्रीराम रक्षा कवच का पाठ करना है। क्युकी इससे आप नीचे दी गयी साधना या पाठ करेंगे वो सुरक्षित रहेगी, आप अपने घर को इससे कवच प्रदान करेंगे।

भक्ति की प्राप्ति के लिए –

उसके बाद श्रीराम की भक्ति की प्राप्ति के लिए, आप श्री राम सहस्रनाम और अष्टोत्रम का पाठ अवश्य करे। इससे उत्पन्न सात्विक ऊर्जा को श्री राम जी के चरणों में समर्पित करे।

अपने परिवार को भ्रम से रक्षा के लिए –

श्री हनुमान चालीसा के 11 पाठ या उससे अधिक संकल्प लेकर पाठ करे। और इसे श्री हनुमान जी के चरणों में समर्पित कर दे।

भ्रम के नाश के लिए –

अपने आस पास विद्यमान भ्रम और नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए सप्ताह में एक बार बजरंग बाण का पाठ संकल्प करके करे और इसे श्री हनुमान जी के चरणों में समर्पित कर दे।

इसके बाद दीपदान करे, जैसे कि 11 दीप, 21 दीप, 51 दीप या 108 दीप।

इसके बाद आप छोटी सी ही सही लेकिन अग्यारी (यज्ञ) अवश्य करे, इसमें आप जो भी भोग श्री हनुमान जी और श्री राम को अर्पित करना चाहते है, उसे करे।

अब आप आरती कर सकते है, और भगवान् दीपदान में प्रयुक्त दीपकों को घर की दसों दिशाओं में अवश्य रखे।

अब जो जहाँ से आये थे, ते तहाँ बिसारिये, कहकर सभी को सम्मान सहित वापस भेजे।

अब #RamMandirPranPratishta का भोग और प्रसाद को सभी को बाँट दे।

नोट – यह जानकारी लेखक के अपने भाव के अनुसार है।

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Last Update: जनवरी 26, 2024